hindisamay head


अ+ अ-

लोककथा

औरत और मर्द

खलील जिब्रान

अनुवाद - बलराम अग्रवाल


एक बार मैंने एक औरत का चेहरा देखा। उसमें मुझे उसकी समस्त अजन्मी सन्तानें दिखाई दीं।

और एक औरत ने मेरे चेहरे को देखा। वह अपने जन्म से भी पहले मर चुके मेरे सारे पुरखों को जान गई।


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में खलील जिब्रान की रचनाएँ